ठंड की कहर- शरीर पर इसका प्रहार और बचाव के उपाय

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ठंड की कहर- शरीर पर इसका प्रहार और बचाव के उपायठंड की कहर- शरीर पर इसका प्रहार और बचाव के उपाय

जब पतझड़ की कली मुरझाकर गिरती है और हवा में सिहरन घुलने लगती है, वो हमें चेता देती है कि ठंड का साम्राज्य खड़ा होने वाला है। ये मौसम, जहां कुछ लोगों के लिए रोमांस और आराम का पर्याय होता है, वहीं कई लोगों के लिए परेशानी और स्वास्थ्यगत चुनौतियों का कारण बन जाता है। आज हम बात करेंगे, इस कठोर मौसम के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों की और खुद को बचाने के उपायों की।

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ठंड का पहला शिकार – त्वचा: सबसे पहले ठंड का सामना करती है हमारी त्वचा। तापमान गिरते ही रक्त का बहाव त्वचा की ओर कम हो जाता है, जिससे वो रूखी, बेजान और लाल हो जाती है। खासकर हाथ, पैर, चेहरा और कान अधिक प्रभावित होते हैं। इस सूखेपन के कारण खुजली भी बढ़ जाती है, और अगर उपेक्षा की जाए तो फफोले और सफेद दाग तक पड़ सकते हैं।

बंद हो जाते हैं श्वास के रास्ते: ठंड हवा में मौजूद एलर्जेन और वायरस को सक्रिय करती है। यही कारण है कि इस मौसम में सर्दी, खांसी और जुकाम आम हो जाते हैं। नाक और गले की म्यूकोस मेम्ब्रेन यानि श्लेष्मा झिल्ली ठंडी हवा के हिटते ही सूख जाती है, जिससे ये रोगजनक आसानी से प्रवेश कर पाते हैं। सांस लेने में भी दिक्कत होती है, क्योंकि ठंडी हवा फेफड़ों को परेशान करती है।

अंगड़ाई लेता है हृदय: कम तापमान में रक्त का गाढ़ापन बढ़ जाता है, जिससे रक्त को पंप करने के लिए हृदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे हृदय की धड़कन तेज़ हो जाती है और रक्तचाप भी बढ़ सकता है। यह खासकर बुजुर्गों और हृदय रोगियों के लिए चिंता का विषय है।

असर दिमाग और मांसपेशियों पर भी: ठंड का असर सिर्फ बाहरी शरीर पर ही नहीं, बल्कि दिमाग पर भी पड़ता है। स्टडीज़ बताती हैं कि ठंड मूड खराब कर सकती है, थकान बढ़ा सकती है और सोचने-समझने की क्षमता को कम कर सकती है। इससे डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। मांसपेशियों में अकड़न और कठोरता भी ठंड में आम है, जिससे जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है।

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बचाव का कवच: अब जबकि हमने ठंड के प्रहारों को समझ लिया है, आइए अब बात करते हैं उन तरीकों की, जिनसे हम इसका मुकाबला कर सकते हैं:

गर्म कपड़े पहनें: लेयरिंग, यानि कई परतों में कपड़े पहनने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। ऊनी स्वेटर, विंडचेकर जैकेट और स्कार्फ आपके वफादार साथी बनें।
पोषण का ख्याल रखें: गर्म सूप, हरी सब्जियां, अंडे, मछली और दालों का भोजन करें। ये प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
पानी पिएं: ठंड में प्यास कम लगती है, लेकिन पानी पीना उतना ही जरूरी है। गर्म पानी हवा की नमी बढ़ाता है और शरीर को हाइड्रेट रखता है।
व्यायाम करें: हल्का व्यायाम शरीर को गर्म रखता है और रक्त संचार को बढ़ाता है। घर के अंदर योग या स्ट्रेचिंग करें, या फिर शाम को टहलने जाएं।
धूप का सेवन करें: सुबह की हल्की धूप विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत है

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