12वीं में असफलता के बावजूद, आपने मेहनत और संघर्ष से IPS बनने में सफलता प्राप्त की
मनोज शर्मा की कहानी, पहले से आने वाली समस्याओं को पार करने, दृढ़ता की और साहस से आगे बढ़ने की है। मध्य प्रदेश, भारत के एक छोटे से गाँव में पैदा हुए, मनोज का सफर एक करोड़ों को प्रेरित करने वाला है।
पहले संघर्ष:
मनोज का बचपन आसान नहीं था। उसके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और उसने अकादमिक रूप से कठिनाईयों का सामना किया, अपनी 12वीं की परीक्षा में भी फेल हो गया। हार नहीं मानते हुए, मनोज ने अपने परिवार की सहायता के लिए विभिन्न अजीब कामों को संभाला और उसी समय अपनी परीक्षाओं की तैयारी की। उसे कई लोगों की उपहास और निराशा का सामना करना पड़ा, लेकिन मनोज ने अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहते हुए अपनी पहचान बनाई।
बदलाव का समय:
मनोज के जीवन में एक मोड़ उसकी जिंदगी का आया जब उसने देखा कि एक पुलिस अधिकारी ने एक समूह को रोका जो एक युवा लड़की को तंग कर रहा था। उस पुलिस अधिकारी की प्राधिकृतिकता और न्याय के प्रति समर्पण ने मनोज पर गहरा प्रभाव डाला। उसी समय उसने यह निर्णय लिया कि उसे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में करियर बनाना है।
चुनौतियाँ और जीतें:
मनोज का आईपीएस ऑफिसर बनने का सफर उसके लिए सीधा नहीं था। उसने अपनी चौथी कोशिश में ही यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की, और इससे पहले कई बार परीक्षा में असफल रहा। उसकी तैयारी के दौरान वित्तीय संबंधों और सामाजिक असहमति का सामना करने के बावजूद, उसका संघर्ष और अटल ध्यान वाकई उन्नतिशील हैं।
प्रेरणादायक करियर:
आईपीएस में शामिल होने के बाद, मनोज ने विभिन्न क्षमताओं में परिचर्चा करते हुए सेवा की। उसने अपनी ईमानदारी, समर्पण, और अपराध से लड़ने के लिए समर्पितता से मशहूरी हासिल की। उसने कई कठिन प्रकरणों का सामना किया, निर्भीकरी अपराधियों को पकड़ने से लेकर महत्वपूर्ण तस्करी रिंग्स को भंग करने तक।
बैज पार