तुलसी पूजन दिवस: तुलसी पूजा का विशेषता और अद्भुत महत्व

"Tulsi Pujan Diwas की ध्यानार्थ छवि, जिसमें भक्तजन पूजा करते हुए और धार्मिक अनुष्ठान करते हुए पावन तुलसी पौधे के चारों ओर दिखाई देते हैं, हिंदू संस्कृति में श्रद्धा और आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक।"
“तुलसी पूजन दिवस पर तुलसी के पावन पौधे की ध्यानबद्ध आराधना।”
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

तुलसी पूजन दिवस: तुलसी का महत्व और पूजा विधि

तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार सनातन धर्म में महत्वपूर्ण है, जो तुलसी पौधे की पूजा और मान्यताओं को संजीवनी शक्ति से जोड़ता है। तुलसी, जिसे हम आमतौर पर ‘तुलसी माता’ के नाम से जानते हैं, हिन्दू संस्कृति में मान्यता से भरा हुआ है। इस पौधे को जीवन और प्राकृतिक संतुलन का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, तुलसी के पौधे के औषधीय गुणों का भी बड़ा महत्व है।

तुलसी का महत्व:

तुलसी को हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन का हिस्सा माना जाता है। इसे घरों में उच्च स्थान दिया जाता है, क्योंकि मान्यता है कि यह भगवान विष्णु की साक्षात मूर्ति होती है और इसके आसपास पूजा और अर्चना से घर में सुख-शांति बनी रहती है। तुलसी को पूजा में शामिल करने से धार्मिक दृष्टि से हमारे घर में शुद्धता और पवित्रता की वातावरण बनी रहती है।

तुलसी पूजा की विधि:

तुलसी पूजन की विधि बहुत ही सरल होती है। इसके लिए आपको केवल एक तुलसी के पौधे की आराधना करनी होती है। इसे साफ जगह पर रखें और पूर्वाह्न या संध्या के समय इसे जल चढ़ाएं। ध्यान दें कि तुलसी को जलाने के लिए उचित मंत्रों और श्लोकों का पाठ करें। इसके बाद आरती जलाकर तुलसी माता की पूजा करें और मांगलिक गान गाएं। इस दिन अन्य धार्मिक क्रियाओं के साथ-साथ दान, दाना-पानी और भगवान के नाम पर आहार बाँटने का भी महत्व होता है।

तुलसी पूजन दिवस एक धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है जो हमें प्राकृतिक संस्कृति की महत्ता याद दिलाता है। इस त्योहार को समर्पित करने से हम अपने परंपरागत भरोसे को सम्मानित करते हैं और हमारी धार्मिकता को मानवता के लिए एक संदेश देते हैं। इसलिए, इस तुलसी पूजन दिवस पर हमें इस महत्वपूर्ण पौधे को समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिए।

तुलसी नामाष्टक

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

तुलसी आरती

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।

सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।

मैय्या जय तुलसी माता।।

सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।

रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।

विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।

पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।

मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।

प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।

हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।

सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥

मैय्या जय तुलसी माता।।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Leave a Comment

समय के साथ यात्रा – पृथ्वी की सबसे पुरानी जीव प्रजातियां SA vs IND: 10 साल बाद भारत के नाम दूसरी बार दर्ज हुआ शर्मनाक रिकॉर्ड, एक टेस्ट पारी में सर्वाधिक शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड Can Markram rescue SA after Siraj storm? Day 2 promises more drama in Cape Town. happy new year 2024 images shayari Atal Bihari Vajpayee Quotes: ‘दौलत न संपत्ति सिर्फ मां का आशीर्वाद’, अटल बिहारी वाजपेयी की ये 15 बातें हमेशा रहेंगी अमर